Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Sep 2023 · 1 min read

■ प्रणय_गीत:-

#प्रणय_गीत:-
(धड़कते दिलों के नाम)
■ एक थी रात-रानी सुनो।।
【प्रणय प्रभात】

“आँसुओं की जुबानी सुनो।
इश्क़ की है कहानी सुनो।।
एक होता था सूरजमुखी।
एक थी रात-रानी सुनो।।

◆ एक दिन का शहंशाह था,
एक थी मल्लिका रात की।
देख लेते थे आपस में पर,
थी ना मोहलत मुलाक़ात की।
थी मचलती जवानी सुनो।
इश्क़ की है कहानी सुनो।।

◆ एक पर धूप सा रूप तो,
एक पर चाँदनी सी चमक।
एक पर खुशनुमा रंगतें,
एक पर मदभरी सी महक।
रुत थी सच में सुहानी सुनो।
इश्क़ की है कहानी सुनो।।

◆ इसका यौवन था दिन पे टिका,
उसकी उम्मीद थी रात पर।
थी इधर जागती बेबसी
तो उधर करवटें रात भर।
हो न पाए रुमानी सुनो।
इश्क़ की है कहानी सुनो।।

◆ दिन महीने गुज़रते गए
हाल हद तक हठीले हुए।
हाथ हल्दी #आत्मकथ्य
पात दोनों के पीले हुए।
अब थी दुनिया विरानी सुनो।
इश्क़ की है कहानी सुनो।।’

#आत्मकथ्य :-
“जीवन की गाड़ी चलाने के लिए दिन-रात की दो अलग-अलग
पारियों में बारी के मुताबिक़ काम और जीवन देखते ही देखते तमाम।”
बस, इसी कड़वे सच के बीच धड़कते युवा दिलों की पीड़ा और त्रासदी को मुखर करता है मेरा यह गीत जो अस्तित्व पाने के बाद आप सुधि मित्रों को समर्पित है। मन हो तो ही पढ़िएगा। रात की तन्हाई को सिरहाने लगा कर।
कुछ महसूस कर पाएं तो मुझे भी बताएं, लेकिन संजीदगी के साथ। शुक्रिया दिल से।।
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

1 Like · 130 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2693.*पूर्णिका*
2693.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रोज हमको सताना गलत बात है
रोज हमको सताना गलत बात है
कृष्णकांत गुर्जर
रहस्य-दर्शन
रहस्य-दर्शन
Mahender Singh
*क्रुद्ध हुए अध्यात्म-भूमि के, पर्वत प्रश्न उठाते (हिंदी गजल
*क्रुद्ध हुए अध्यात्म-भूमि के, पर्वत प्रश्न उठाते (हिंदी गजल
Ravi Prakash
“बदलते भारत की तस्वीर”
“बदलते भारत की तस्वीर”
पंकज कुमार कर्ण
A little hope can kill you.
A little hope can kill you.
Manisha Manjari
फिसल गए खिलौने
फिसल गए खिलौने
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
Vijay Nagar
■ खोज-बीन...
■ खोज-बीन...
*Author प्रणय प्रभात*
मिलती नहीं खुशी अब ज़माने पहले जैसे कहीं भी,
मिलती नहीं खुशी अब ज़माने पहले जैसे कहीं भी,
manjula chauhan
फितरत जग एक आईना
फितरत जग एक आईना
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
चौबीस घन्टे साथ में
चौबीस घन्टे साथ में
Satish Srijan
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते हैं, पर उनकी बातों में विश
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते हैं, पर उनकी बातों में विश
जय लगन कुमार हैप्पी
बेपरवाह
बेपरवाह
Omee Bhargava
ऐसी थी बेख़्याली
ऐसी थी बेख़्याली
Dr fauzia Naseem shad
आखिर क्यूं?
आखिर क्यूं?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Rap song 【5】
Rap song 【5】
Nishant prakhar
सोनू की चतुराई
सोनू की चतुराई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हो गये अब हम तुम्हारे जैसे ही
हो गये अब हम तुम्हारे जैसे ही
gurudeenverma198
विष्णु प्रभाकर जी रहे,
विष्णु प्रभाकर जी रहे,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
Arvind trivedi
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक रावण है अशिक्षा का
एक रावण है अशिक्षा का
Seema Verma
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
Anil Mishra Prahari
बाल कविता: हाथी की दावत
बाल कविता: हाथी की दावत
Rajesh Kumar Arjun
प्रेम की अनुपम धारा में कोई कृष्ण बना कोई राधा
प्रेम की अनुपम धारा में कोई कृष्ण बना कोई राधा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
ताप
ताप
नन्दलाल सुथार "राही"
खुशियाँ
खुशियाँ
विजय कुमार अग्रवाल
जड़ता है सरिस बबूल के, देती संकट शूल।
जड़ता है सरिस बबूल के, देती संकट शूल।
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...