प्रार्थना –
भाग्यविधाता
पिघलते कर्म से
हिलते और डुलते हैं
भाग्य बदलते हैं।
प््राार्थना से नहीं।
रहो मत अर्कमण्य।
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भाग्यविधाता
पिघलते कर्म से
हिलते और डुलते हैं
भाग्य बदलते हैं।
प््राार्थना से नहीं।
रहो मत अर्कमण्य।
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