प्राण दंडक छंद
दंडक –किसी भी छंद में जब 26 मात्राओं से अधिक का छंद लिखा जाता है तो वह दंडक कहलाता है l
122 122 122 122 122 122 121 11
बनेगें उदाहरण
सदा चीर नोचा न सोचा हमेंशा सभी
कर्म सारे बनेगें उदाहरण l
कभी रात सोई कभी रात जागी
न देखा समस्या निराकरण l
अजाने सदा ही मिली राह ऐसी
थके पाँव बैठें समीकरण l
हमारी तुम्हारी हुई बात ऐसी
नहीं देख पाए वशीकरण ll
गढ़ी थी कहानी तुम्हीं ने बड़ी सी
बनी थी हमारे लिए मरण l
बनाया तमाशा बड़ा आपने तो
मची थी तबाही नहीं भरण l
सिखाया तुम्हीं ने हमें पाठ ऐसा
नहीं भूल पाए निजीकरण l
तुम्हारे लिए वार देंगे खुदी को
नहीं पा सकोगे निराकरण ll
सुशीला जोशी, विद्योत्तमा