Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Nov 2022 · 1 min read

प्राचीन वैभव लौटाना है

प्राचीन वैभव लौटाना है
विश्व गुरू राष्ट्र बनाना है

सांस्कृतिक उत्थान हो सबका
ध्वज सनातन गान हो सबका
नभ पर हिंदूत्व को लाना है

***

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 129 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
बोलने को मिली ज़ुबां ही नहीं
बोलने को मिली ज़ुबां ही नहीं
Shweta Soni
सत्य से विलग न ईश्वर है
सत्य से विलग न ईश्वर है
Udaya Narayan Singh
3009.*पूर्णिका*
3009.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दुकान वाली बुढ़िया
दुकान वाली बुढ़िया
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर
हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जिंदगी तेरे कितने रंग, मैं समझ न पाया
जिंदगी तेरे कितने रंग, मैं समझ न पाया
पूर्वार्थ
व्यवहार अपना
व्यवहार अपना
Ranjeet kumar patre
मोहब्बत का पहला एहसास
मोहब्बत का पहला एहसास
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हवेली का दर्द
हवेली का दर्द
Atul "Krishn"
मदर इंडिया
मदर इंडिया
Shekhar Chandra Mitra
सदैव मेहनत करके ही आगे बढ़ें,
सदैव मेहनत करके ही आगे बढ़ें,
Ajit Kumar "Karn"
तू ही हमसफर, तू ही रास्ता, तू ही मेरी मंजिल है,
तू ही हमसफर, तू ही रास्ता, तू ही मेरी मंजिल है,
Rajesh Kumar Arjun
प्रेम की बंसी बजे
प्रेम की बंसी बजे
DrLakshman Jha Parimal
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
मर्द
मर्द
Shubham Anand Manmeet
संघर्ष और निर्माण
संघर्ष और निर्माण
नेताम आर सी
मंजिल के जितने नजदीक होगें , तकलीफ़ें और चुनौतियां उतनी ज्या
मंजिल के जितने नजदीक होगें , तकलीफ़ें और चुनौतियां उतनी ज्या
Lokesh Sharma
बीमार घर/ (नवगीत)
बीमार घर/ (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
....एक झलक....
....एक झलक....
Naushaba Suriya
सृजन
सृजन
Rekha Drolia
"स्कूली लाइफ"
Dr. Kishan tandon kranti
माँ
माँ
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
*विभाजित जगत-जन! यह सत्य है।*
*विभाजित जगत-जन! यह सत्य है।*
संजय कुमार संजू
मत छेड़ हमें देशभक्ति में हम डूबे है।
मत छेड़ हमें देशभक्ति में हम डूबे है।
Rj Anand Prajapati
एक कुण्डलियां छंद-
एक कुण्डलियां छंद-
Vijay kumar Pandey
मुक्तक -
मुक्तक -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
International Day Against Drug Abuse
International Day Against Drug Abuse
Tushar Jagawat
"अब शायद और मज़बूत होगा लोकतंत्र व संविधान। जब सदन की शोभा बढ
*प्रणय प्रभात*
तन्हाई में अपनी परछाई से भी डर लगता है,
तन्हाई में अपनी परछाई से भी डर लगता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
Phool gufran
Loading...