Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2024 · 1 min read

प्रश्न मुझसे किसलिए?

नित नए नियमों को लेकर खुद को रोकूं इसलिए,
फिर हिमालय लांघने का प्रश्न मुझसे किसलिए?

पैर में जंजीर मोटी मुंह सरीखा शांत नदिया,
हास्य पर प्रतिबंध मानो शशि तिमिर में सो लिया,
तेज जो दिनकर सरीखा सांझ छल ले इसलिए,
फिर हिमालय लांघने का प्रश्न मुझसे किसलिए?

नित नए नियमों को लेकर खुद को रोकूं इसलिए,
फिर हिमालय लांघने का प्रश्न मुझसे किसलिए?

बांध दीं जंजीर इतनीं बड़ न पायी दो कदम,
बर्तनों को मांझने में हाथ से छूटी कलम,
स्वप्न को लेकर ह्रदय में दफ्न कर लूं इसलिए,
महिला चिकित्सक मांगने का हक तुम्हे फिर किसलिए?

नित नए नियमों को लेकर खुद को रोकूं इसलिए,
फिर हिमालय लांघने का प्रश्न मुझसे किसलिए?

लेखक/कवि
अभिषेक सोनी “अभिमुख”

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 83 Views

You may also like these posts

झूठ को सच बनाने की कोशिश में,
झूठ को सच बनाने की कोशिश में,
श्याम सांवरा
आजकल वो मेरी जगह किसी और को पुकारने लगे हैं,
आजकल वो मेरी जगह किसी और को पुकारने लगे हैं,
Jyoti Roshni
You have limitations.And that's okay.
You have limitations.And that's okay.
पूर्वार्थ
कुरुक्षेत्र में कृष्ण -अर्जुन संवाद
कुरुक्षेत्र में कृष्ण -अर्जुन संवाद
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
What Is Love?
What Is Love?
Vedha Singh
*जब आयु साठ हो जाती है, वृद्धावस्था जब छाती है (राधेश्यामी छ
*जब आयु साठ हो जाती है, वृद्धावस्था जब छाती है (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
मचलते  है  जब   दिल  फ़िज़ा भी रंगीन लगती है,
मचलते है जब दिल फ़िज़ा भी रंगीन लगती है,
डी. के. निवातिया
4716.*पूर्णिका*
4716.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ११)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ११)
Kanchan Khanna
सर पर हाथ रख दूं तो आजाद हो जाएगा,
सर पर हाथ रख दूं तो आजाद हो जाएगा,
P S Dhami
■ निकला नतीजा। फिर न कोई चाचा, न कोई भतीजा।
■ निकला नतीजा। फिर न कोई चाचा, न कोई भतीजा।
*प्रणय*
तुम जो आसमान से
तुम जो आसमान से
SHAMA PARVEEN
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
कौशल्या माता
कौशल्या माता
Sudhir srivastava
जय माँ शारदे
जय माँ शारदे
Arvind trivedi
नारी तुम महान
नारी तुम महान
Seema gupta,Alwar
नर जीवन
नर जीवन
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
चाहे जितना भी रहे, छिलका सख्त कठोर
चाहे जितना भी रहे, छिलका सख्त कठोर
RAMESH SHARMA
सात जन्मों तक
सात जन्मों तक
Dr. Kishan tandon kranti
11. *सत्य की खोज*
11. *सत्य की खोज*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
” सुन कोरोना ! ”
” सुन कोरोना ! ”
ज्योति
दोस्त जीवन में मिल ही जाते हैं।
दोस्त जीवन में मिल ही जाते हैं।
लक्ष्मी सिंह
प्यार वो नहीं है जो सिर्फ़ आपके लिए ही हो!
प्यार वो नहीं है जो सिर्फ़ आपके लिए ही हो!
Ajit Kumar "Karn"
हो गए दूर क्यों, अब हमसे तुम
हो गए दूर क्यों, अब हमसे तुम
gurudeenverma198
कोई और था
कोई और था
Mahesh Tiwari 'Ayan'
रावण जलाने का इरादा लेकर निकला था कल
रावण जलाने का इरादा लेकर निकला था कल
Ranjeet kumar patre
मनुष्य और प्रकृति
मनुष्य और प्रकृति
Sanjay ' शून्य'
मित्र
मित्र
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
आज फ़िर
आज फ़िर
हिमांशु Kulshrestha
विरह की वेदना
विरह की वेदना
Kirtika Namdev
Loading...