प्रश्न( एक कविता )
++++++{ प्रश्न }++++++
कितनी अजीब सी होती है
प्रश्नों की अनोखी दुनिया
हर रंग के प्रश्न नज़र आते हैं
जुदा जुदा एहसास दिलाते हैं
कुछ प्रश्न उलझाते हैं
तो कुछ सुलझाते हैं
कुछ प्रश्न अटकाते है
तो कुछ प्रश्न भटकाते हैं
कुछ प्रश्न अपने साथ
खुशनुमा लम्हे ले आते हैं
तो कुछ प्रश्न अपने साथ ही
गमगीन कर जाते हैं
कुछ प्रश्नों से होंठों पर
थिरकने लगती है हंसी
तो कुछ प्रश्न हमारे
दिल को गुदगुदाते हैं
कुछ प्रश्नों की फितरत
में होती है शरारत
तो कुछ भड़का कर
गुस्सा भी दिलाते हैं
कुछ प्रश्न कसमसाते हैं
कुछ रातों में भी जगाते हैं
तो कुछ प्रश्न प्यार से
मिठी नींद भी सुलाते हैं
वो प्रश्न खुशनसीब होते हैं
जिनके उत्तर मिल जाते हैं
कुछ प्रश्नों की किस्मत
में उत्तर ही नहीं आते हैं
कुछ को उत्तर मिलते नहीं
कुछ को दीए नही जाते हैं
वो बेचारे तन्हा और
अनुत्तरित रह जाते हैं
हर प्रश्न को होती है
उत्तर की तलाश
मगर जिंदगी की तरह
उत्तर भी रुठ जाते हैं
बड़ी बेरहम होती है
कुछ प्रश्नों की दुनिया
बेबस लावारिस की तरह
राह में दम तोड़ जाते हैं
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© गौतम जैन ®