प्रलोभन
प्रलोभन
प्रलोभनों के आकर्षण से
बचता वो जो रहे जतन से
अच्छे अच्छे फँस जाते हैं
चतुर चोर के पाखंडो से ।
मन की चंचलता के आगे
बुद्धि ज्ञान घायल वाणो से
कथनी करनी का अंतर है
पुण्य क्षीण होता पापो से ।
प्रलोभन भी एक बीमारी
युगों पुरानी मानव जब से
दिखने में तो सभी बचे हैं
छिपकर पाल रहे सब मन से ।
मान प्रतिष्ठा नाम बड़ाई
सभी चाहते नकल अकल से
प्रलोभन भी चकाचौंध है
अपनी अपनों के स्वारथ से
नेक कर्म व्यवहार सभी में
आज रुकावट प्रलोभनो से
मृगमरीचका में उलझा है
मानव मन भी युगों युगों से ।