प्रथम अभिव्यक्ति
प्रथम अभिव्यक्ति
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मंद हवा का झोंका अनूठा ,
बदली जो दिशाएँ जीवन की ।
रहन-सहन की रीति बदल गई,
प्रथम अभिव्यक्ति जीवन पथ की ।
मौन याचना, मौन सहमति ,
याद पुराना यौवन पल की ।
चंदा की शीतल सी चांदनी ,
बदली जो दिशाएँ बचपन की।
अल्फाजों में स्पर्श प्रेम था ,
आस जगी थी नवसृजन की।
नादानियों से छुटा नाता था ,
एहसास हुआ जीवन पथ की।
मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि –०८ /११/२०२२
कार्तिक,शुक्ल पक्ष,पूर्णिमा ,मंगलवार
विक्रम संवत २०७९
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