प्रकाश (मराठी कविता का हिन्दी अनुवाद)
सर्वत्र फैला हुआ है दिपों का प्रकाश
सभी तरफ है छाया आनंदित उल्लास
दिपावली के पावन पर्व के अवसर पर
मिला है सबके साथ मीठा सा आभास
घर स्वच्छ रखने के बजाय
अपना मन हमेशा स्वच्छ रखो
दिपावली के त्यौहार में ही नहीं
सदैव लक्ष्मी अपने आप ही
आनंदित होकर आएगी आपके पास
सब घरों में भोग अर्पित किया है
लक्ष्मी पूजा संपन्न हो चुकी है
प्रत्येक घर में घर की लक्ष्मी ने
ही यह सुयोग्य अवसर लाया है
फिर उस लक्ष्मी का करो सदा सम्मान
तभी तो धनलक्ष्मी प्राप्त होगी
और रखेगी आपका मान
इसी के साथ ही साथ
उन सभी मांओं को
वारंवार प्रणाम है
जिनके पुत्र एवं पुत्री
जो सिपाही के रूप में
देश सेवा में तल्लीन हैं
और हम अपने घरों में
दिपावली का प्रकाश रूपी
त्यौहार पूर्ण निश्चिंति से मना रहें हैं
सभी को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं ।