प्यार
प्यार लिखता है
अनमोल
कविता।
प्यार सिखाता है
निश्छल
समर्पण।
प्यार से उपजती
आर्द्र
करूणा।
प्यार से निकलते
पवित्र
प्रार्थना स्वर।
प्यार से मिलता
साकार
ईश्वर।
प्यार से होती
मुग्ध
सम्पूर्ण सृष्टि।
इसलिए करो
सिर्फ प्यार और
प्यार की वृष्टि।
—प्रतिभा आर्य
अलवर (राजस्थान)