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10 Jul 2016 · 1 min read

प्यार से दिल का भरा भंडार है!

रौशनी का ईद जो त्यौहार है।
प्यार से दिल का भरा भंडार है।

चाँद तुमको क्यों अधूरा यूँ दिखे,
देख ले इसमें भरा जो प्यार है।

कौन देगा अब मुझे रोटी यहाँ,
वक्त इतना आज क्यों लाचार है।

सब लुटेरे है यहाँ अब ए खुदा!
क्या यही तेरा भला संसार हैं।

ख्वाब हमने जो सजाया था कभी,
तुम कहो क्या वो तुम्हे इकरार है।

वक्त ही बहता रहा है जो सदा,
बस यही सच्चा यहाँ किरदार है।

जीत जाएंगे निभाकर हम वफ़ा,
फिर तुम्हारी क्यों रही ये हार है।

हम फकत तेरे लिये हैं जी रहे,
आज भी ये दिल बड़ा खुद्दार है।

वो शहर तो याद है अब भी हमें,
बस ख़ुशी का ही जहाँ बाजार है।

चाहता हूँ भूल जाऊँ मैं तुम्हे,
पर हमारा दिल बड़ा गद्दार है।

जिंदगी भर ये शुभम् आबाद हो,
वक्त से तो बस यही दरकार है।

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