“प्यार तुम दे दो”
डॉ लक्ष्मण झा परिमल
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नहीं मुझे
चाहिए कुछ भी
जरा सा प्यार
तुम दे दो
मुझे अपना
बना कर के
मेरा उपकार
तुम कर दो
बना हूँ
तेरे खातीर मैं
नहीं आभास
है तुमको
सजाया रूप
और यौवन
नहीं अनुमान
है तुझको
जरा सा देख
लो मुझको
मेरे तुम पास
आ जाओ
जरा ठहरो
यहाँ पर तुम
मिलन की
रागनी गाओ
युदा अब हम
ना होंगे जी
मिलन के
गीत गाएंगे
खुशी के पल
को हमदोनों
आपस में
ही बांटेंगे
नहीं मुझे
चाहिए कुछ भी
जरा सा
प्यार तुम दे दो
मुझे अपना
बना कर के
मेरा उपकार
तुम कर दो !!
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डॉ लक्ष्मण झा परिमल
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
03.11.2022