Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jun 2023 · 1 min read

पोषित करती मां संस्कार

दशानन के पिता ऋषि थे
पर मिला नहीं शिक्षण उदार
आसुरी वृत्तियों से संपन्न
माता थी उनकी बेशुमार.
दारा शिकोह को भाई ने मारा
कितना कलंकित था वो प्यार
शाहजहां को कैद किया था
ऐसा विकृत था परिवार.
वहीं सुमित्रानंदन की मां ने
दी थी सुंदर श्रेष्ठ विचार
श्रीराम का सेवक बनकर
अपनाओ सदगुण आचार.
संघमित्रा और राहुल को पाला
यशोधरा ने देकर आधार
तप त्याग की महिमा सिखाई
बौद्ध धर्म का किया प्रसार.
ब्रह्म वादिनि थी मदालसा
पुत्रों को दी थी ब्रह्म का सार
सिर्फ कर्म स्थल ये जग है
विशुद्ध दिव्य तुम हो अवतार.
पिता हमेशा साधन देता
मां ही देती संपूर्ण आकार
सद आचरण प्रेम सिखाती
देती दंड तो करती दुलार.
सही दिशा उत्कृष्ट गुणों से
पोषित करती मां संस्कार
जैसा सांचा वैसा ही ढांचा
जिस तरह गढता कुंभकार.
भारती दास ✍️

Language: Hindi
65 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Bharti Das
View all
You may also like:
" मैं तन्हा हूँ "
Aarti sirsat
बड़ा मायूस बेचारा लगा वो।
बड़ा मायूस बेचारा लगा वो।
सत्य कुमार प्रेमी
*सवाल*
*सवाल*
Naushaba Suriya
"मौन"
Dr. Kishan tandon kranti
यूनिवर्सिटी के गलियारे
यूनिवर्सिटी के गलियारे
Surinder blackpen
मेरा नौकरी से निलंबन?
मेरा नौकरी से निलंबन?
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
दान
दान
Neeraj Agarwal
भाई दोज
भाई दोज
Ram Krishan Rastogi
माँ
माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Humiliation
Humiliation
AJAY AMITABH SUMAN
ये दिल उन्हें बद्दुआ कैसे दे दें,
ये दिल उन्हें बद्दुआ कैसे दे दें,
Taj Mohammad
हिंदी दोहा शब्द - भेद
हिंदी दोहा शब्द - भेद
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अन्नदाता
अन्नदाता
Akash Yadav
दोगलापन
दोगलापन
Mamta Singh Devaa
ख़ुश-फ़हमी
ख़ुश-फ़हमी
Fuzail Sardhanvi
" एकता "
DrLakshman Jha Parimal
संभावना है जीवन, संभावना बड़ी है
संभावना है जीवन, संभावना बड़ी है
Suryakant Dwivedi
राखी की सौगंध
राखी की सौगंध
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"कितना कठिन प्रश्न है यह,
शेखर सिंह
संगीत की धुन से अनुभव महसूस होता है कि हमारे विचार व ज्ञान क
संगीत की धुन से अनुभव महसूस होता है कि हमारे विचार व ज्ञान क
Shashi kala vyas
कोरोना का रोना! / MUSAFIR BAITHA
कोरोना का रोना! / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
2464.पूर्णिका
2464.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
पूर्वार्थ
नारी- स्वरूप
नारी- स्वरूप
Buddha Prakash
#लघुकथा / #विरक्त
#लघुकथा / #विरक्त
*Author प्रणय प्रभात*
रस्म उल्फत की यह एक गुनाह में हर बार करु।
रस्म उल्फत की यह एक गुनाह में हर बार करु।
Phool gufran
*अच्छा रहता कम ही खाना (बाल कविता)*
*अच्छा रहता कम ही खाना (बाल कविता)*
Ravi Prakash
शब्द : दो
शब्द : दो
abhishek rajak
मेरी कलम से बिखरी स्याही कभी गुनगुनाएंगे,
मेरी कलम से बिखरी स्याही कभी गुनगुनाएंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...