पैसे की माया
पैसा कितना महत्वपूर्ण है
कैसे यह समझाऊँ
रिश्तों पे प्रभाव जो इसका
कैसे मैं दिखलाऊँ।
बिन पैसे ना कोई रिश्ता
मोल तेरा पहचाने,
गर पौकेट में है पैसा
अनमोल तुझे सब माने।
हर रिश्ते पर हुआ है भारी
पैसों का ये जमाना,
अपनो से तुम मान जो चाहो
भरते चलो खजाना।
पैसे का प्रभाव जगत में
आज सभी पर छाया,
इससे कोई परे नहीं
विचित्र है इसकी माया।
पिता – पूत्र के रिश्ते तक को
नहीं है इसने छोडा,
रक्त जनित रिश्तों में भी
इसने है विष घोला।
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”