Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Dec 2023 · 1 min read

पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ

धरती को हमने बचाया,
यदि सभी ने पेड़ लगाया,
अशुद्ध धरा की वायु गैस को,
कार्बन के कण को अवशोषित करके,
हरे भरे पेड़ ने प्राण वायु हमको दिया।

हरे पेड़ को यदि बचाया,
नये नये पेड़ को पर्यावरण मे लगाया,
ग्लोबल वार्मिंग की समस्याओं से,
इस धरती को सबने बचाया,
भविष्य मानव ने सुरक्षित पाया।

वन को बचाना है जरूर,
नये वन उगाना है भरपूर,
मौसम परिवर्तन निर्भर करता है इसमे,
वर्षा का आगमन होता थल मे,
एक एक पेड़ से बनता है वन।

यही हमारी जिम्मेदारी,
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ,
पेड़ हमारे सच्चे अच्छे मित्र,
निर्भर होता जीवन इन पर भी,
जीवन का अस्तित्व इनसे ही है।

रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर ।

1 Like · 380 Views
Books from Buddha Prakash
View all

You may also like these posts

*हे शिव शंकर त्रिपुरारी,हर जगह तुम ही तुम हो*
*हे शिव शंकर त्रिपुरारी,हर जगह तुम ही तुम हो*
sudhir kumar
వచ్చింది వచ్చింది దసరా పండుగ వచ్చింది..
వచ్చింది వచ్చింది దసరా పండుగ వచ్చింది..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
इन्सानी रिश्ते
इन्सानी रिश्ते
Seema Verma
विश्वेश्वर महादेव
विश्वेश्वर महादेव
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
बाल कविता: मोटर कार
बाल कविता: मोटर कार
Rajesh Kumar Arjun
हिंदी काव्य के छंद
हिंदी काव्य के छंद
मधुसूदन गौतम
खुद की कविता बन जाऊं
खुद की कविता बन जाऊं
Anant Yadav
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।
Manisha Manjari
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
मेरा होकर मिलो
मेरा होकर मिलो
Mahetaru madhukar
फिदरत
फिदरत
Swami Ganganiya
रूहें और इबादतगाहें!
रूहें और इबादतगाहें!
Pradeep Shoree
दोहावली
दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
चारु
चारु
NEW UPDATE
* मधुमास *
* मधुमास *
surenderpal vaidya
*श्री रामप्रकाश सर्राफ*
*श्री रामप्रकाश सर्राफ*
Ravi Prakash
भोर यहाँ बेनाम है,
भोर यहाँ बेनाम है,
sushil sarna
बदनसीब का नसीब
बदनसीब का नसीब
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम
प्रेम
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
गीत
गीत
Jai Prakash Srivastav
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कवि रमेशराज
आज़ादी के दीवाने
आज़ादी के दीवाने
करन ''केसरा''
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
शायर कोई और...
शायर कोई और...
के. के. राजीव
3075.*पूर्णिका*
3075.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरे दिल की हर इक वो खुशी बन गई
मेरे दिल की हर इक वो खुशी बन गई
कृष्णकांत गुर्जर
हमारे सोचने से
हमारे सोचने से
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल __आशिकों महबूब से सबको मिला सकते नहीं ,
ग़ज़ल __आशिकों महबूब से सबको मिला सकते नहीं ,
Neelofar Khan
’राम की शक्तिपूजा’
’राम की शक्तिपूजा’
Dr MusafiR BaithA
तुम आशिक़ हो,, जाओ जाकर अपना इश्क़ संभालो ..
तुम आशिक़ हो,, जाओ जाकर अपना इश्क़ संभालो ..
पूर्वार्थ
Loading...