Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2024 · 1 min read

हमारे सोचने से

हमारे सोचने से दुनिया कहां बदलती है,
बदलते चेहरे हैं फ़ितरत कहां बदलती है ।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 30 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
एहसास
एहसास
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कविताएँ
कविताएँ
Shyam Pandey
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
न्याय के लिए
न्याय के लिए
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*होली*
*होली*
Shashi kala vyas
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
Phool gufran
साया
साया
Harminder Kaur
* रेत समंदर के...! *
* रेत समंदर के...! *
VEDANTA PATEL
* सुन्दर फूल *
* सुन्दर फूल *
surenderpal vaidya
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*रामचरितमानस में गूढ़ अध्यात्म-तत्व*
*रामचरितमानस में गूढ़ अध्यात्म-तत्व*
Ravi Prakash
हृदय को ऊॅंचाइयों का भान होगा।
हृदय को ऊॅंचाइयों का भान होगा।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
3331.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3331.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
#देख_लिया
#देख_लिया
*Author प्रणय प्रभात*
जिसके मन तृष्णा रहे, उपजे दुख सन्ताप।
जिसके मन तृष्णा रहे, उपजे दुख सन्ताप।
अभिनव अदम्य
ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ
ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ
VINOD CHAUHAN
अभिमानी सागर कहे, नदिया उसकी धार।
अभिमानी सागर कहे, नदिया उसकी धार।
Suryakant Dwivedi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
सहजता
सहजता
Sanjay ' शून्य'
रिश्तें मे मानव जीवन
रिश्तें मे मानव जीवन
Anil chobisa
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
शब्दों में प्रेम को बांधे भी तो कैसे,
शब्दों में प्रेम को बांधे भी तो कैसे,
Manisha Manjari
तुम अपने धुन पर नाचो
तुम अपने धुन पर नाचो
DrLakshman Jha Parimal
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
💐प्रेम कौतुक-212💐
💐प्रेम कौतुक-212💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मां की प्रतिष्ठा
मां की प्रतिष्ठा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वो अपने घाव दिखा रहा है मुझे
वो अपने घाव दिखा रहा है मुझे
Manoj Mahato
जल सिंधु नहीं तुम शब्द सिंधु हो।
जल सिंधु नहीं तुम शब्द सिंधु हो।
कार्तिक नितिन शर्मा
गजब है उनकी सादगी
गजब है उनकी सादगी
sushil sarna
मैं जो कुछ हूँ, वही कुछ हूँ,जो जाहिर है, वो बातिल है
मैं जो कुछ हूँ, वही कुछ हूँ,जो जाहिर है, वो बातिल है
पूर्वार्थ
Loading...