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27 May 2023 · 1 min read

पुस्तकों से प्यार

** गीतिका **
~~
कर रही लंबे समय से जो दिलों पर राज।
पुस्तकों से प्यार करना है जरूरी आज।

क्यों भला इनके पठन पर लग रहा विराम।
क्यों समय के साथ थमती जा रही परवाज।

आज कंप्यूटर सभी के बन गये हैं दोस्त।
और मोबाइल किताबों पर गिराते गाज।

आ गये बाजार में नव ज्ञान के सामान।
वक्त के अनुरूप ढलते जा रहे हैं साज।

धूल खाती पुस्तकें अब हो रही लाचार।
और शिक्षा का बदलता जा रहा अंदाज।

किन्तु फिर भी पुस्तकों का हम निभाएं साथ।
और हटने दें न इनके शीश से शुभ ताज।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, मण्डी (हि.प्र.)

1 Like · 262 Views
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