Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

जिन्दगी की किताब

दिल किया क्यूँ न आज जिन्दगी की किताब लिख दू।
कुछ अधूरे,कुछ मुकम्म्ल रिस्तों की दास्ताँ लिख दू।।
कुछ दर्द की आवाज लिख दू,,कुछ मलहमों के नाम लिख दू।
कुछ अधजगी रातों का किस्सा,और कुछ रिस्तों के स्वार्थ का हिस्सा लिख दू।।
दिल किया क्यूँ न आज—————–
कुछ बन्दिशों के नाम लिखू,कुछ दिल की धड़कनों की परवाज़ लिखू।।
दिल के दर्द की तडप लिख दू,लोगो के दोहरे चरित्र की दास्ताँ लिख दू।।
दिल किया क्यू न ———————–
लिखू मैं मेरे अपनो की कहानी,गुजरती जिन्दगी की रवानी,
लिखू मैं मन के संदेह के घेरे,जज्बातों पर लगे दुनियाँ के पहरे।।
गुजरती उम्र की बाते लिख दू,जब कभी नींद नही आये वो राते लिख दू।।
दिल किया—–
दरकतें रिस्तो की सच्चाई लिख दू,आस्तीनों के साँपो की कहानी लिख दू।
मेरी माँ के स्पर्श का मार्मिक एहसाश लिख दू,।
मेरे पिता की डाट के पीछे के जज्बात लिख दू।।
समेट लू उम्र के हर एक पन्ने को, फिर भी बहुत कुछ छुट जायेगा,
क्यूँ न पहले पन्ने से मेरे दिल की हर आवाज लिख दू।।

1 Like · 26 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़िंदगी उससे है मेरी, वो मेरा दिलबर रहे।
ज़िंदगी उससे है मेरी, वो मेरा दिलबर रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
🇮🇳 मेरी माटी मेरा देश 🇮🇳
🇮🇳 मेरी माटी मेरा देश 🇮🇳
Dr Manju Saini
निश्छल प्रेम
निश्छल प्रेम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
परिवर्तन
परिवर्तन
लक्ष्मी सिंह
हाइकु
हाइकु
अशोक कुमार ढोरिया
वारिस हुई
वारिस हुई
Dinesh Kumar Gangwar
मैं हूँ कौन ? मुझे बता दो🙏
मैं हूँ कौन ? मुझे बता दो🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पेड़ और चिरैया
पेड़ और चिरैया
Saraswati Bajpai
मैं कौन हूं
मैं कौन हूं
Anup kanheri
वर्तमान परिदृश्य में महाभारत (सरसी)
वर्तमान परिदृश्य में महाभारत (सरसी)
नाथ सोनांचली
* बाल विवाह मुक्त भारत *
* बाल विवाह मुक्त भारत *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वेदना ऐसी मिल गई कि मन प्रदेश में हाहाकार मच गया,
वेदना ऐसी मिल गई कि मन प्रदेश में हाहाकार मच गया,
Sukoon
माँ।
माँ।
Dr Archana Gupta
मीठे बोल
मीठे बोल
Sanjay ' शून्य'
*वर्तमान पल भर में ही, गुजरा अतीत बन जाता है (हिंदी गजल)*
*वर्तमान पल भर में ही, गुजरा अतीत बन जाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
शब्द
शब्द
Dr. Mahesh Kumawat
स्वार्थ सिद्धि उन्मुक्त
स्वार्थ सिद्धि उन्मुक्त
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
🕉️🌸आम का पेड़🌸🕉️
🕉️🌸आम का पेड़🌸🕉️
Radhakishan R. Mundhra
तू छीनती है गरीब का निवाला, मैं जल जंगल जमीन का सच्चा रखवाला,
तू छीनती है गरीब का निवाला, मैं जल जंगल जमीन का सच्चा रखवाला,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
World Emoji Day
World Emoji Day
Tushar Jagawat
* ज्योति जगानी है *
* ज्योति जगानी है *
surenderpal vaidya
भीम राव हैं , तारणहार मेरा।
भीम राव हैं , तारणहार मेरा।
Buddha Prakash
रिश्ता ये प्यार का
रिश्ता ये प्यार का
Mamta Rani
हिन्दी की दशा
हिन्दी की दशा
श्याम लाल धानिया
■ सवा सत्यानाश...
■ सवा सत्यानाश...
*प्रणय प्रभात*
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के 4 प्रणय गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के 4 प्रणय गीत
कवि रमेशराज
3092.*पूर्णिका*
3092.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वर्षों जहां में रहकर
वर्षों जहां में रहकर
पूर्वार्थ
ज़िंदगी की
ज़िंदगी की
Dr fauzia Naseem shad
इश्क़-ए-फन में फनकार बनना हर किसी के बस की बात नहीं होती,
इश्क़-ए-फन में फनकार बनना हर किसी के बस की बात नहीं होती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...