पुरुष दिवस की शुभकामनाएँ
**पुरुष दिवस की शुभकामनाएँ**
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जिम्मेदारियों का बोझ रहता ढोहता
पुरुष कभी अपना आपा नहीं खोता
पुरुष प्रधान समाज का है वो नायक
परिवार छत्रछाया में आराम से सोता
निज इच्छाओं को करता रहे अर्पण
दर्पण दिखा कर मार्गदर्शक है बनता
निलय का होता संघर्षशील सेनापति
जिसके नेतृत्व में सुख चैन है मिलता
कंटीली राहों पर करता रहता सफर
फूलों की सेज सा बिस्तर रहे प्रदाता
पर परवाह में ना रहे खुद की परवाह
लापरवाहियों में कष्ट रहता है सहता
बरगद सी शीतल छाया करे प्रदान
रवि की तपस में सदैव रहता तपता
रिश्ते नातों के निर्वाहन का कर्णधार
सुत,भाई,पिता,पति रूप में है बढ़ता
पुरुष दिवस की ढ़ेरों शुभकामनाएंँ
पुरुषार्थ,पुरुषत्व की लाज है रखता
मनसीरत प्रत्येक शैली में क्रियाशील
दुख,दर्द,तकलीफें सदा रहता हरता
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)