पीले पत्ते दूर हो गए।
पीले पत्ते दूर हो गए।
हरी डाल की हरियाली में,
इनका काफी योगदान था,
जब तक किरणे सोख रहे थे,
इनका काफी मान दान था,
समय आ गया है अब ऐसा,
दोनों ही मजबूर हो गए,
पीले पत्ते दूर हो गए।
उनके तन की हरियाली में,
जीवन नृत्य किया करता था,
धूल भरी दुपहर में उनसे,
शीतल रंग झरा करता था,
छीन लिया सब पतझारों ने,
नीरस व बेनूर हो गए,
पीले पत्ते दूर हो गए।
फर फर करते तेज हवा के,
प्रतियोगी बनकर हंसते थे,
मंद सलिल के संग हिल मिल कर,
कितनी बात किया करते थे,
हो कृशकाय पड़े अब भू पर,
थक कर कितना चूर हो गए,
पीले पत्ते दूर हो गए।
कुमार कलहंस।
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