पिया तूने
मिलन के बिना दिल जुदा कर दिया
अजब काम तूने पिया कर दिया
रही बैठि मैं टकटकी जो लगा
जता प्यार तूने हँसा कर दिया
डसे नागिनें जब निशा बन मुझे
पिया देह तूने घटा कर दिया
चढ़ा इश्क का जो नशा आप पर
न जाने कहाँ मन भुला कर दिया
जरा मीत मेरा हुआ है खफा
किसी राह पर सिर झुका कर दिया
लहर काम उठती रहे दिल उदधि
करे शान्त जो हमनवा कर दिया
बँधी बन्धने साथ तेरे सदा
मुझे बाँध तुझको खुदा कर दिया
डा मधु त्रिवेदी