Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 May 2024 · 2 min read

पिता

पिता आज ही नहीं कल भी है,
पिता वर्तमान और भविष्य भी है,
पिता आचार, विचार, व्यवहार
संस्कार सुविचार संग आधार है।
पिता खुशी है दर्द है पीड़ा है,
पिता बिना स्वरों की वीणा है,
पिता खाई, पहाड़, मैदान, रेगिस्तान है,
पिता खेत खलिहान दुकान मकान है
पिता सबसे खूबसूरत सुरक्षित आसमान है।
पिता थाली की रोटी और
हमारी भूख प्यास जरुरत है,
पिता, राशन, सब्जी, दवाई हर सूरत है।
पिता पढ़ाई, लिखाई,कलम,दवात, कापी और किताब है
पिता हमारी खुशियों की ख़ुदाई भी है,
हमारे जीवन का सबसे बड़ा अनुहार, सम्मान है,
पिता हमारे सुख का पारावार है।
पिता न्याय, अन्याय, सूख-दुःख
खुशी, पीड़ा और आकुलता है।
हममें सब कुछ देखने की व्याकुलता ही पिता है।
पिता मंदिर, मस्जिद, गिरजा, गुरुद्वारा और श्मशान है,
पिता रामायण गीता, बाइबिल और कुरान है।
पिता सब्जी काटने की छूरी ही नहीं
गला रेतने वाली कटार है,
पिता दुनिया में हमारे सुधार का सबसे अच्छा औजार है।
पिता धरती का भगवान ही नहीं चलता फिरता संस्थान है,
तो पिता ही संसार का सबसे खुरदुरा इंसानी भगवान है।
पिता खिला हुआ फूल ही नहीं
काँटेदार विशाल वटवृक्ष भी है।
आज के परिवेश में हम पिता को कुछ ऐसे देखते हैं,
कि पिता सबकुछ होकर भी कुछ भी नहीं है।
वर्तमान में पिता पिता न होकर
सिर्फ हमारे स्वार्थ का सामान है,
जिसमें दर्द, संवेदना, भावना, बुद्धि, विवेक नहीं है।
उसकी अपनी कोई ख्वाहिश या अधिकार नहीं है।
आज पिता का सिर्फ कर्तव्य भर बचा है
उसका अपने लिए कोई खर्चा भी नहीं है।
क्योंकि पिता को आज हम पिता कहाँ समझते हैं?
पिता से हमारा सिर्फ स्वार्थ का नाता है
तभी तो हमें पिता में
पिता बिल्कुल नहीं नजर आता है,
आज हमें तो पिता में बस
चलता फिरता सिर्फ कल कारखाना नजर आता है।
अपवादों की आड़ में गुमराह न होइए हूजूर
पिता से सिर्फ स्वार्थ का रिश्ता रखना
हमें बहुत अच्छे से आता है,
पिता भूखा, प्यासा, बीमार है
उसकी कुछ स्वाभाविक आवश्यकताएं
इलाज अथवा हमारे समय, साथ की जरूरत है
ये हमें समझ ही कहाँ और कब आता है?
पिता की लाठी बनने का हुनर आज
भला कितनों को आता है जनाब।
कौन समझाएगा आज की पीढ़ी को
पिता से हमारा कैसा और कौन सा नाता है.
सच सच बताइए आज की समझदार,पढ़ी लिखी,
सबसे बुद्धिमान पीढ़ी को कितना समझ में आता है?
पिता होने का मतलब भला आज
पिता के रहते हुए कितनों को समझ में आता है,
आखिर क्यों पिता को समझने के लिए
उनके दुनिया से जाने के इंतजार में
हमारा बुद्धि विवेक क्यों मर जाता है?

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
2 Likes · 56 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

अनमोल मोती
अनमोल मोती
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
अंताक्षरी पिरामिड तुक्तक
अंताक्षरी पिरामिड तुक्तक
Subhash Singhai
सबसे ऊंचा हिन्द देश का
सबसे ऊंचा हिन्द देश का
surenderpal vaidya
"दो मीठे बोल"
Dr. Kishan tandon kranti
SP56 एक सुधी श्रोता
SP56 एक सुधी श्रोता
Manoj Shrivastava
सत्य की विजय हुई,
सत्य की विजय हुई,
Sonam Puneet Dubey
इश्क- इबादत
इश्क- इबादत
Sandeep Pande
आइना फिर से जोड़ दोगे क्या..?
आइना फिर से जोड़ दोगे क्या..?
पंकज परिंदा
*नयन  में नजर  आती हया है*
*नयन में नजर आती हया है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हाँ, मेरा मकसद कुछ और है
हाँ, मेरा मकसद कुछ और है
gurudeenverma198
बूंद बूंद से सागर बने
बूंद बूंद से सागर बने
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
कविता- घर घर आएंगे राम
कविता- घर घर आएंगे राम
Anand Sharma
पद्मावती पिक्चर के बहाने
पद्मावती पिक्चर के बहाने
Manju Singh
4477.*पूर्णिका*
4477.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खुदा ने तुम्हारी तकदीर बड़ी खूबसूरती से लिखी है,
खुदा ने तुम्हारी तकदीर बड़ी खूबसूरती से लिखी है,
Chaahat
बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
Dr Archana Gupta
ध्वनि प्रदूषण कर दो अब कम
ध्वनि प्रदूषण कर दो अब कम
Buddha Prakash
*जीवन में,
*जीवन में,
नेताम आर सी
चल‌ मनवा चलें....!!!
चल‌ मनवा चलें....!!!
Kanchan Khanna
वैसे जीवन के अगले पल की कोई गारन्टी नही है
वैसे जीवन के अगले पल की कोई गारन्टी नही है
शेखर सिंह
जो घटनाएं घटित हो रही हैं...
जो घटनाएं घटित हो रही हैं...
Ajit Kumar "Karn"
നീപോയതിൽ-
നീപോയതിൽ-
Heera S
आधुनिकता का नारा
आधुनिकता का नारा
Juhi Grover
खून के छींटे है पथ्थरो में
खून के छींटे है पथ्थरो में
sushil yadav
Me and My Yoga Mat!
Me and My Yoga Mat!
R. H. SRIDEVI
अनुभूति
अनुभूति
डॉ.कुमार अनुभव
वैशाली
वैशाली
श्रीहर्ष आचार्य
लाचार द्रौपदी
लाचार द्रौपदी
आशा शैली
हरियाली तीज
हरियाली तीज
VINOD CHAUHAN
✍️ दोहा ✍️
✍️ दोहा ✍️
राधेश्याम "रागी"
Loading...