पिता
शीर्षक – पिता
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पिता पापा बाबूजी हम जीवन में कहते हैं।
संघर्ष और विश्वास का सहयोग होता हैं।
जिंदगी और जीवन में हम परिवार का मुखिया कहते हैं।
आज हम आधुनिक भारत में भी आशाएं रखते हैं।
पिता हिस्सा हमारे जीवन में महत्व रखता हैं।
आधुनिक समय में हम सभी दायित्व भूलते हैं।
पिता ही परमेश्वर का सहयोग होता हैं।
सच और सही हमें सही राह पर चलाता हैं।
पिता के संघर्षों से हम सभी अपने को पहचानते हैं।
सच तो पिता का मान सम्मान मन भावों से होता हैं।
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नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र