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22 Feb 2024 · 1 min read

जीवन आशा

जीवन के सुन्दर उपवन में मनुज तू माली सा है
बीज मेहनत से बोना सफलता के , क्यों खाली सा है
सजग होकर चलना तुम हर पथ पर निरन्तर
सागर सा विशाल हृदय तटिनी सी धार बनकर

रोक लेंगे तुझे क्या साजिशों के शूल यहां
पंथ की बाधा बनेंगे वैमनस्यता के पुल कहां
शान्त पड़े बेसुध नीरस अरमानो को जाग्रत कर
जीवन के नव प्रभात में उन्माद भरा अनुराग भर

जीवन की नैया को सुख दुःख की नौकाओं से पार कर
आज पुनः उजड़े हुए मन मे एक नया विश्वास भर
विषमताओं का जाल बने कोहरा या अन्धकार हो घना
दिनकर सा तेज भर कर जीवन में निखर आना सदा

Language: Hindi
42 Views
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