पिता
जीवन के सूत्रधार पिता हैं |
इस जगत के आधार पिता हैं |
पिता है तो सब कुछ अपना है,
लगता मनोहर हर सपना है,
इन्द्रधनुषी संसार पिता हैं |
माता हेतु घरबार पिता हैं |
कष्टों में बन जाते ढाल हैं,
रखते सबका उन्नत भाल हैं,
संकट में पथ – प्रदर्शक पिता हैं |
जीवन हित युग – प्रवर्तक पिता हैं |
महकती जिनसे जग फुलवारी,
धरोहर मिलती सबको न्यारी,
शीतल सुखद बौछार पिता हैं |
जीवन के शिल्पकार पिता हैं |
नई पहचान मिले संतति को,
नव पंख लगे उनकी प्रगति को,
बच्चों के आसमान पिता हैं |
हिम्मत की नव – उड़ान पिता हैं |
कंटकित पुष्पित जीवन – पथ पर,
रखदे पिता ही भाग्य बदलकर,
सुदृढ़ता की पहचान पिता हैं |
बच्चों के स्वाभिमान पिता हैं |
हर हिदायत है दिल पर अंकित,
करती रहती राह आलोकित,
ईश्वर के अवदान पिता हैं |
इस सृष्टि के वरदान पिता हैं |
– प्रतिभा आर्य
चेतन एनक्लेव फेज – 2,
जयपुर रोड़ , (अलवर)