पिता का साया
पिता का साया
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पिता का साया जिस पर हो,
वो तकदीर वाले हे कहलाते।
माता पिता दोनों का साया हो,
वो ! मुकद्दर का सिकंदर कहलाते।
पिता का साया जिस पर हो——
आपकी सूरत में हमको ,
भगवान से दिखता।
सृष्टि का एक तोहफा हैं आप,
हम बच्चों को आपमें ही सारा
संसार दिखता ।
पिता का साया जिस पर हो—–
आज मुझको समझ है आता,
बच्चों की भलाई के खातिर ,
सब करते थे।
उस डांट में भी आप —
हम सबके सुख की कामना,
प्रभु से करते थे।
पिता का साया जिस पर हो!!!!
वो तकदीर वाले हे कहलाते——-
सुषमा सिंह *उर्मि,,
कानपुर