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16 Jun 2019 · 1 min read

पिता का साया हरदम

दिनांक 16/6/19

देती है माँ संस्कार
पिता बनता है संबल
माँ सिखाती दुनियांदारी
पिता घुमाता दुनियाँ सारी

माँ आँचल में है सुख
पिता की डांट भविष्य में
देती दुःख में भी सुख

बनना है
एक आर्दश पिता
जैसा देखेंगे
वैसा सीखेंगे बच्चे
मत करो धुम्रपान
नशे से भी रहो दूर
बनों ईमानदार ,
मेहनतकश इन्सान
बगिया महकेगी
फल फूलों से

देती सुखद नींद
माँ की लोरी
पिता के सीने से
लग बच्चे पाते
अपनापन

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
486 Views
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