पिता का प्रेम
एक हाथ बच्चे को हाथ में संभालना
प्यार वाली दूरदर्शी नजर से निहारना
गदगद हो जाता है तन-मन
दिल के तार-तार में कंपन पैदा होती है
बच्चे का जन्म होने पर बेकरार पिता
खुशी की उमंगों में झूम उठता है
सागर की लहरों की तरह हिलोरे मारता है
जिम्मेदारियों का एहसास होता है
पिता होने पर आमूलचूल परिवर्तन
विचारों में एक अजीब बदलाव
मानो सारा जहां पा लिया हो…..