पिता का पता
पिता का पता
कौन बताए,
कब सोते कब जग जाते हैं,
अथक; काम में लग जाते हैं,
कब पीते कब खाते खाना
कौन बताए,
बच्चों का बढ़ना,
पढ़ना-लिखना,
लिए आंखों में सुंदर सपना
जिए जाते हैं,
भर उमंग उर में; अहर्निश
कर्म पथ पर बढ़े जाते हैं,
कब बीमार कब इलाज
कौन बताए,
सारे सपने पूरे कर-कर
डॉक्टर, इंजीनियर, जज बनाकर
कब बूढ़े हो जाते हैं,
हमें छोड़ उड़ जाते हैं,
पिता का पता
कौन बताए ?
– श्री रमण
बेगूसराय (बिहार)