पायल
***पायल ***
तेरी पायल की खनक
तेरे पैरो की आहट
आज भी गूँजती है
मेरे कानों में उनकी चहक
जब तेरी गली से गुजरता हूँ
लगता है आती हो तुम
दरबाजे की ओर से
करती हुई पायल
खनक खनक खनक
पर ये भ्रम है मेरा
नही आती है तुम्हारी
अब कोई भी महक
ना पायल की खनक
अब आती है सिर्फ
तुम्हारी यादों की महक।।