पापा मेरी दनिया है
पापा मेरी दुनिया हैं
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तुम ही तो मेरे ख्वाबों की दुनिया हो,
मेरी जन्नत, मेरा शिवालय तुम ही हो।
मेरे सपनों के पंखों की,
ऊंची उड़ान तुम ही से है।
तुम ही तो मेरे—–
हर रिश्ते में बसती है धड़कनें,
बसती हैं अहसासों से हर सीनें,
जो धड़कती है हर दिल में बनकर सपने।।
तुम ही तो मेरे—–
पिता बिना कुछ भी रास नहीं आता,,
सूना सूना सा है जीवन मेरा
आज तुम्हारे बिना पिता जी !
कुछ नहीं भाता!!!!
तुम ही तो मेरे ख्वाबों की दुनिया हो।।
सुषमा सिंह*उर्मि,,
कानपुर उ०प्र०