पापा ने चहकना सिखाया
पापा ने चहकना सिखाया
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पापा तुमने ही मुझको चहकना सिखाया ,
तुमने ही मुझको पाखी सा उड़ाया।
देकर खुला आकाश मुझको,
जहान में जीना सिखाया।
पापा तुमने ही मुझको चहकना सिखाया ——
मेरा सदा तुम देते थे साथ,
जब थक कर चूर में हो जाती–
तब आपने ही थामा था मेरा हाथ ।।
पापा तुमने ही मुझको चहकना सिखाया ——–
जीवन की तपती धूप में ,
तुमने अपने को तपाया है!
हम बच्चों के खातिर ,
मेहनत करके पसीना!
तुमने बहाया है ।।
पापा तुमने ही मुझको चहकना सिखाया है———-
सुषमा सिंह*उर्मि,,
कानपुर