Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2022 · 1 min read

पापा के निशान

दिखते है अम्बर मे
दिखते है जमीन पर
बस पापा के निशान से।
खेतों मे हल चलाते है
धूप को मजा चढ़ाते है
बस पापा के निशान से।
बड़ी बड़ी चट्टानें हटती
जल की तो धार बदलती
बस पापा के निशान से
हरियाली भी गले लगाती
सुखापन दूर हो जाता हैं
बस पापा के निशान से।
रिश्ते कई बदलते है
पर प्यार ना बदलता जो
बस पापा के निशान से।
कलियों की मुस्कान है जो
बच्चों का अभिमान हैं जो
बस पापा के निशान से।
सफल हुए है कितने जाने
बस धूल लगा के चरणो की
बस पापा के निशान से।।

3 Likes · 2 Comments · 506 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हिदायत
हिदायत
Dr. Rajeev Jain
आसमान तक पहुंचे हो धरती पर हो पांव
आसमान तक पहुंचे हो धरती पर हो पांव
नूरफातिमा खातून नूरी
संवेदना - अपनी ऑंखों से देखा है
संवेदना - अपनी ऑंखों से देखा है
नवीन जोशी 'नवल'
आपके बाप-दादा क्या साथ ले गए, जो आप भी ले जाओगे। समय है सोच
आपके बाप-दादा क्या साथ ले गए, जो आप भी ले जाओगे। समय है सोच
*प्रणय प्रभात*
Bundeli Doha-Anmane
Bundeli Doha-Anmane
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हमेशा आगे
हमेशा आगे
surenderpal vaidya
खाओ भल्ला या बड़ा ,होता दही कमाल(कुंडलिया)
खाओ भल्ला या बड़ा ,होता दही कमाल(कुंडलिया)
Ravi Prakash
हिन्दी ग़ज़ल
हिन्दी ग़ज़ल " जुस्तजू"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"संवेदना"
Dr. Kishan tandon kranti
तेरे जाने के बाद ....
तेरे जाने के बाद ....
ओनिका सेतिया 'अनु '
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
Dr.Khedu Bharti
“बदलते भारत की तस्वीर”
“बदलते भारत की तस्वीर”
पंकज कुमार कर्ण
लहर लहर लहराना है
लहर लहर लहराना है
Madhuri mahakash
प्रेम
प्रेम
Dr.Priya Soni Khare
मंदिर बनगो रे
मंदिर बनगो रे
Sandeep Pande
* अपना निलय मयखाना हुआ *
* अपना निलय मयखाना हुआ *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बिन पैसों नहीं कुछ भी, यहाँ कद्र इंसान की
बिन पैसों नहीं कुछ भी, यहाँ कद्र इंसान की
gurudeenverma198
कलेजा फटता भी है
कलेजा फटता भी है
Paras Nath Jha
कह न पाई सारी रात सोचती रही
कह न पाई सारी रात सोचती रही
Ram Krishan Rastogi
हम यथार्थ सत्य को स्वीकार नहीं कर पाते हैं
हम यथार्थ सत्य को स्वीकार नहीं कर पाते हैं
Sonam Puneet Dubey
ज्ञान तो बहुत लिखा है किताबों में
ज्ञान तो बहुत लिखा है किताबों में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गरीबी और लाचारी
गरीबी और लाचारी
Mukesh Kumar Sonkar
बाबू जी
बाबू जी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
देखिए इतिहास की किताबो मे हमने SALT TAX के बारे मे पढ़ा है,
देखिए इतिहास की किताबो मे हमने SALT TAX के बारे मे पढ़ा है,
शेखर सिंह
रात-दिन जो लगा रहता
रात-दिन जो लगा रहता
Dhirendra Singh
I Can Cut All The Strings Attached
I Can Cut All The Strings Attached
Manisha Manjari
नाम हमने लिखा था आंखों में
नाम हमने लिखा था आंखों में
Surinder blackpen
#drarunkumarshastri
#drarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
14, मायका
14, मायका
Dr .Shweta sood 'Madhu'
*Rising Waves*
*Rising Waves*
Veneeta Narula
Loading...