Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2018 · 1 min read

पापा?

माँ है दुलार तो अनुशासन हैं पापा।
माँ सम्भालती है घर को ,तो घर बनाते हैं पापा।
माँ बनाती है खाना प्यार से,
खाने का इंतजाम करते हैं पापा।
माँ चलना सिखाती है पकड़कर अंगुली,
अंगुली छोड़ समाज मे चलना सिखाते हैं पापा।
माँ देती है अच्छे संस्कार बच्चों को,
उन संस्कारों पर अडिग रहना सिखाते हैं पापा।
माँ पनाह देती हैं अपने आँचल में,
सिर ढकने के लिए छत देतें हैं पापा।
माँ बनती है छाया धूप में,
बारिश में छाता बनते हैं पापा
माँ संवारती है बच्चों का वर्तमान,
अच्छा भविष्य बनाते हैं पापा।
माँ दवा है हर दुख की,
दुख से उबरना सिखातें है पापा।
कैसे बताऊँ कौन है सर्वोपरि,
माँ धरा है तो अम्बर है पापा।।
By:Dr Swati Gupta

Language: Hindi
2 Likes · 289 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
दुनियादारी से कोई लेना - देना नहीं,
दुनियादारी से कोई लेना - देना नहीं,
Ajit Kumar "Karn"
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पद्मावती पिक्चर के बहाने
पद्मावती पिक्चर के बहाने
Manju Singh
।।।
।।।
*प्रणय*
पितृ दिवस ( father's day)
पितृ दिवस ( father's day)
Suryakant Dwivedi
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Shaily
आधुनिक युग और नशा
आधुनिक युग और नशा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अंधेरे में भी ढूंढ लेंगे तुम्हे।
अंधेरे में भी ढूंढ लेंगे तुम्हे।
Rj Anand Prajapati
उनको मंजिल कहाँ नसीब
उनको मंजिल कहाँ नसीब
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
बोलना खटकता है ! दुनिया को खामोश हुआ, जबसे, कोई शिकवा नहीं ।
बोलना खटकता है ! दुनिया को खामोश हुआ, जबसे, कोई शिकवा नहीं ।
पूर्वार्थ
*आदित्य एल-1मिशन*
*आदित्य एल-1मिशन*
Dr. Priya Gupta
"लहर"
Dr. Kishan tandon kranti
ঐটা সত্য
ঐটা সত্য
Otteri Selvakumar
सोच
सोच
Shyam Sundar Subramanian
सोचना नहीं कि तुमको भूल गया मैं
सोचना नहीं कि तुमको भूल गया मैं
gurudeenverma198
जाने कहाँ से उड़ती-उड़ती चिड़िया आ बैठी
जाने कहाँ से उड़ती-उड़ती चिड़िया आ बैठी
Shweta Soni
*नारी पर गलत नजर डाली, तो फिर रावण का नाश हुआ (राधेश्यामी छं
*नारी पर गलत नजर डाली, तो फिर रावण का नाश हुआ (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
मुझ जैसे शख़्स को दिल दे बैठी हो,
मुझ जैसे शख़्स को दिल दे बैठी हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम मुझसे ख़फ़ा हो गए हो
तुम मुझसे ख़फ़ा हो गए हो
शिव प्रताप लोधी
बाल कविता: बंदर मामा चले सिनेमा
बाल कविता: बंदर मामा चले सिनेमा
Rajesh Kumar Arjun
याद आती हैं मां
याद आती हैं मां
Neeraj Agarwal
प्रेम पथिक
प्रेम पथिक
Aman Kumar Holy
"मेरा निस्वार्थ निश्चछल प्रेम"
विकास शुक्ल
"अहम्" से ऊँचा कोई "आसमान" नहीं, किसी की "बुराई" करने जैसा "
ललकार भारद्वाज
दिल की बात
दिल की बात
Bodhisatva kastooriya
इंसानियत का चिराग
इंसानियत का चिराग
Ritu Asooja
सत्य की खोज
सत्य की खोज
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
VEDANTA PATEL
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
Loading...