Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jul 2021 · 1 min read

पाखंडी

कर कर के पाप,
भरे पाप के मटके ,
खूब संग्रह बनाएं।

ना ईश्वर का डर ,
ना मौत का ही डर ,
निरंकुश होते जाए ।

ना किसी की पीड़ा और
ना दर्द और संताप का
आभास वो पत्थर कहलाएं।

साधु महात्माओं की सेवा कर,
मंदिरों में चढ़ावे चढ़ाकर ,
स्वयं को धर्मात्मा दर्शाएं ।

ज्ञान ध्यान और संस्कारों ,
की जैसी करें बातें ।
उनके मुंह पर जचती नहीं ,
ऐसी महान बातें ।
ऐसे लोग पाखंडी कहलाएं ।

उन्हें क्या नहीं पता ,
ऐसे अशुद्ध आचरण का ,
अंजाम क्या होगा?
वो कहते है जो होगा देखा जाएगा ।
अभी तो जीवन के मजे लेते जाएं ।

अभी तो मजे ले लो पापियों ,
कभी तो तुम्हारा अंत होगा ।
जब ईश्वर स्वयं तुम्हारा संहार करने,
धरती पर अवतार पुनः लेगा ।
हे प्रभु !! कृपया कर शीघ्र आएं ।

Language: Hindi
1 Like · 266 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all

You may also like these posts

“विश्वास”
“विश्वास”
Neeraj kumar Soni
जीवन उत्सव मृत्यु महोत्सव
जीवन उत्सव मृत्यु महोत्सव
महेश चन्द्र त्रिपाठी
दिल की हसरत
दिल की हसरत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
घुल से गए हो।
घुल से गए हो।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
ज़िंदा रहे यह देश
ज़िंदा रहे यह देश
Shekhar Chandra Mitra
लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत
लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत
अंसार एटवी
"घूंघट नारी की आजादी पर वह पहरा है जिसमे पुरुष खुद को सहज मह
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
गीत- कृपा करना सदा हमपर...
गीत- कृपा करना सदा हमपर...
आर.एस. 'प्रीतम'
कहा तक हाथ फैलाऊं पकड़ने के लिए उसको।
कहा तक हाथ फैलाऊं पकड़ने के लिए उसको।
Sandeep Mishra
प्यासा के कुंडलियां (विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा')
प्यासा के कुंडलियां (विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा')
Vijay kumar Pandey
कभी तू ले चल मुझे भी काशी
कभी तू ले चल मुझे भी काशी
Sukeshini Budhawne
मन
मन
Rambali Mishra
अगर आज किसी को परेशान कर रहे
अगर आज किसी को परेशान कर रहे
Ranjeet kumar patre
शिव जी
शिव जी
Sudhir srivastava
कृतज्ञता
कृतज्ञता
Girija Arora
जैन मुनि है महावीर स्वामी भगवान हो
जैन मुनि है महावीर स्वामी भगवान हो
Buddha Prakash
गाँव सहमा हुआ आया है जीता
गाँव सहमा हुआ आया है जीता
Arun Prasad
बरसात सा जीवन
बरसात सा जीवन
Vivek Pandey
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Dr. Alpana Suhasini
प्रभु के स्वरूप को आत्मकेंद्रित कर उनसे जुड़ जाने की विधि ही
प्रभु के स्वरूप को आत्मकेंद्रित कर उनसे जुड़ जाने की विधि ही
Rj Anand Prajapati
"पूर्वाग्रह"
*प्रणय*
प्रेम और विश्वास की पराकाष्ठा
प्रेम और विश्वास की पराकाष्ठा
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
*जीवन-आनंद इसी में है, तन से न कभी लाचारी हो (राधेश्यामी छंद
*जीवन-आनंद इसी में है, तन से न कभी लाचारी हो (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
योगा डे सेलिब्रेशन
योगा डे सेलिब्रेशन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जिंदगी मुझसे हिसाब मांगती है ,
जिंदगी मुझसे हिसाब मांगती है ,
Shyam Sundar Subramanian
वक्त यूं बीत रहा
वक्त यूं बीत रहा
$úDhÁ MãÚ₹Yá
"गुमनाम जिन्दगी ”
Pushpraj Anant
वाह वाह....मिल गई
वाह वाह....मिल गई
Suryakant Dwivedi
"डार्विन ने लिखा था"
Dr. Kishan tandon kranti
जागो जागो तुम,अपने अधिकारों के लिए
जागो जागो तुम,अपने अधिकारों के लिए
gurudeenverma198
Loading...