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28 Jul 2017 · 1 min read

पहली मुलाकात

समय के चक्र को कुछ पीछे पलटना
मेरे दिल को जैसे सुकून दे गया ।
यादों की सिलवट मे आज भी लिखी है
बड़ी सलीक़े से तेरी मेरी वो पहली मुलाकात ।
जब वो पल याद आते है
ऐसा लगता है जैसे
दिल को प्यार भरा पैगाम सा देते है ।
ना जाने क्यूँ याद आती है
तेरी वो झुकीं सी नजर
शीत से काँपती देह
सरमो हया का वो पर्दा
वो दिल की बेचैनी ।।
और याद आती है बरबस ही
ना जाने क्यूँ
तेरी वो महक
तेरी वो पहली छुअन
ऐसा लगता है जैसे
अंगूठी के बहाने से
दिल ही छु लिया हो ।।

Language: Hindi
622 Views
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