महादेव
क्या बात हैं महादेव,आपकी औंर मेरी
प्रीत टूँटती ही नहीं हैं, वक्त के साथ
औंर गहरी होती जाती हैं ।
जबसे आपसे प्रीत का रंग चढ़ा इस
बावली पर औंर कोई रंग चढ़ता ही नहीं हैं ।
एक आपकी प्रीत की आस में हर तकलीफ
एक घूँट में पी जाती हूँ, चेहरें पर मुस्कान लिए
बात-बात में साँच-साँच में सिफ॔ एक आपका
हीं चेहरा औंर हमेंशा रहेगा।