” पहचान “
” पहचान ”
आईना के सामने से गुजरना है मुझे,
अभी शिनाख्ती का अंजाम बाकी है।
जिन्दगी का सफ़र तो जारी है ‘किशन’,
अभी मंजिलों की पहचान बाकी है।
” पहचान ”
आईना के सामने से गुजरना है मुझे,
अभी शिनाख्ती का अंजाम बाकी है।
जिन्दगी का सफ़र तो जारी है ‘किशन’,
अभी मंजिलों की पहचान बाकी है।