पर्यावरण संरक्षण
#दिनांक:-22/4/2024
#शीर्षक- पर्यावरण संरक्षण
झुलसाती कड़ी थूप ,
पेड़ भगवान स्वरुप !
छाँव का सुकून ,
हवा बहती भर जुनून !
शोभा है धरित्री की ,
श्रृंगार प्रकृति की !
जीवन दायिनी ,
तुलनीय कामिनी !
नदी बहती पावन ,
गंगा हैं पाप धोवन !
इनसे दुनिया सारी ,
कटाई पड़ेगी भारी !
जीवन का आधार अगर प्रेम हैं ,
पेड़ जीने का आधार है !
मिलकर जन-जन पेड़ लगाओ ,
हरियाली से जीवन सजाओ !
भक्षिनी कोरोना को आक्सीजन से मार गिराओ !!
काटकर पेड़ न छीनों धरती का गहना ,
जीवन का है ये अमूल्य सोना !
न काटो अपनी सॉस को ,
न सजाओ अपनी अर्थी को !
लकड़हारा गिरोह के विरोध में,
आओ मिलकर आवाज उठाओ।
पेड़ हमारी सॉसों की रक्षक है,
अंदर के कर्तव्यों को झकझोर जगाओ,
नित नए पेड़ लगवाओ लगाओ ।
(स्वरचित,मौलिक)
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई