पर्यावरण बचा लो,कर लो बृक्षों की निगरानी अब
पर्यावरण बचा लो, कर लो बृक्षों की निगरानी अब |
प्रकृति-प्रेम बिन गर्म हवाएं ,बन गईं रेगिस्तानी अब |
हाल यही यदि रहा,रोएगा निश्चय मानव पानी बिन |
सघन शाप हम स्वयं बन रहे, भाव विहीन कहानी बन|
बृजेश कुमार नायक
जागा हिंदुस्तान चाहिए एवं क्रौंच सुऋषि आलोक कृतियों के प्रणेता
05-06-2017
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