आओ प्यारे कान्हा हिल मिल सब खेलें होली,
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/dc2af74ede1e2bd686d375e885188bab_2ba7ddc3f7b3512eff19e0eb8dba8873_600.jpg)
घनाक्षरी
(छेड़-छाड़ मामले में दंड दिलवाऊंगी)
आओ प्यारे कान्हा हिल मिल सब खेलें होली,
प्यार मनुहार कर रंग मैं लगाऊंगी।
बोले श्याम मैं न आऊं रंग से मैं घबराऊं,
डर कैसा प्यार से मैं माखन खिलाऊंगी।
फायदे में रहोगे जो बात मान लोगे कान्हा,
तन मन हृदय से प्यार मैं लुटाऊंगी।
नहीं बात मानोगे तो याद रखो नंद लाला,
छेड़-छाड़ मामले में दंड दिलवाऊंगी।
…….✍️ सत्य कुमार प्रेमी