पर्यावरण दिवस
धरती पर पलने का
कुछ कर्ज चुकाएं
मां वसुंधरा की आंचल को
चलो सजाएं ।
हरे-भरे वृक्षों को
पथ के पास लगाएं
चलो चलें सब मिलकर
पर्यावरण दिवस मनाएं ।
जीवन के हित में
कुछ वृक्ष लगाएं ।
आने वाले कल को
रहने योग्य बनाएं ।
बढ़ रही विश्व की चिंता को
कुछ दूर भगाएं ,
चलो चलें सब मिलकर कुछ
वृक्ष लगाएं ।
प्रकृति से कुछ लेना
है अधिकार हमारा
बदले में कुछ देना भी
है कर्त्तव्य हमारा ।
जीवन की गति
कभी नहीं रुकने पाएं
श्वांस नली अवरुद्ध
ना कभी होने पाएं ।
कल के पीढ़ी के प्रति
निज कर्त्तव्य निभाएं
चलो चलें सब मिलकर
कुछ वृक्ष लगाएं ।
चलो चलें सब मिलकर
कुछ वृक्ष लगाएं ।
✍️ समीर कुमार “कन्हैया”