परीक्षा है सर पर..!
कमर कस रहा हूं,
सवालों में फस रहा हूं,
परीक्षा है सर पर,
ना जाने क्यों हस रहा हूं,
हर सवाल कर रहा प्रहार,
पर है विश्वास, करूंगा संहार,
उम्मीदों के नीचे दबा हुआ,
आसानी से ना मानूंगा हार,
किताबो के ढेर है,
शब्दो से प्रेम है,
जैसे जैसे दिन बीत रहे,
दिल भाग रहा जैसे रेस है,
भूगोल एक माया है,
गणित को ना मनाया है,
हिंदी तो बड़ी सरल है,
केमिस्ट्री ने डराया है..!
मन में हैं विश्वास थोड़ा,
भागेगा ये दिमाग का घोड़ा,
मानता हूं तैयारी नहीं बिल्कुल,
पर भगवान को थोड़ी है छोड़ा..!