Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jul 2021 · 1 min read

परिश्रम/मेहनत

परिश्रम/मेहनत

१-सुख किंचित
दुख है बहुतेरे
फिर भी जीना

२-दृढ़ विश्वास
कार्य के प्रति चाव
कर प्रयास

३-चींटी का श्रम
कभी ना हो विफल
नहीं ये भ्रम

४-सूर्य जो जागा
दुम दबा के भागा
तम अभागा

५-दीप ने लिखे
प्रकाश के आलेख
पढ़ के देख

६-अटल मन
परिश्रम तू कर
सफल बन

७-कवि कलम
सच्चाई है दर्शाती
तम मिटाती

८-कठोर श्रम
पहुँचाए मंजिल
सिद्ध प्रयास

९-किए जा श्रम
गहन अध्ययन
मिलेगा यश

१०-अटल मन
कर तू मेहनत
सफल बन

मौलिक
आभा सिंह लखनऊ उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 312 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम मेरा हाल
तुम मेरा हाल
Dr fauzia Naseem shad
चंद्रयान ३
चंद्रयान ३
प्रदीप कुमार गुप्ता
होली
होली
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
2847.*पूर्णिका*
2847.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#जयहिंद
#जयहिंद
Rashmi Ranjan
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Meera Singh
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
दो पाटन की चक्की
दो पाटन की चक्की
Harminder Kaur
कोई गैर न मानिए ,रखिए सम्यक ज्ञान (कुंडलिया)
कोई गैर न मानिए ,रखिए सम्यक ज्ञान (कुंडलिया)
Ravi Prakash
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बंगाल में जाकर जितनी बार दीदी,
बंगाल में जाकर जितनी बार दीदी,
शेखर सिंह
मेरी भैंस को डण्डा क्यों मारा
मेरी भैंस को डण्डा क्यों मारा
gurudeenverma198
एक चाय तो पी जाओ
एक चाय तो पी जाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
5
5"गांव की बुढ़िया मां"
राकेश चौरसिया
दर्द व्यक्ति को कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाती है और साथ ही मे
दर्द व्यक्ति को कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाती है और साथ ही मे
Rj Anand Prajapati
अधिकांश होते हैं गुमराह
अधिकांश होते हैं गुमराह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बाल कविता: लाल भारती माँ के हैं हम
बाल कविता: लाल भारती माँ के हैं हम
नाथ सोनांचली
पर्यावरण
पर्यावरण
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
बालबीर भारत का
बालबीर भारत का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हां राम, समर शेष है
हां राम, समर शेष है
Suryakant Dwivedi
परिभाषाएं अनगिनत,
परिभाषाएं अनगिनत,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Noone cares about your feelings...
Noone cares about your feelings...
Suryash Gupta
ज़िदादिली
ज़िदादिली
Shyam Sundar Subramanian
विचारों की आंधी
विचारों की आंधी
Vishnu Prasad 'panchotiya'
सत्य
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
satish rathore
Har roj tumhara wahi intajar karti hu
Har roj tumhara wahi intajar karti hu
Sakshi Tripathi
एक ही तारनहारा
एक ही तारनहारा
Satish Srijan
अधूरी प्रीत से....
अधूरी प्रीत से....
sushil sarna
"तानाशाही"
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...