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17 Jul 2021 · 1 min read

परिवेश

स्वागत है आज तरुणी का
बन लक्ष्मी जो घर आयी है
उस घर की वो प्यारी बेटी
आज इस घर में ब्याही है

मंगल गीत स्वागत में गूंज रहे
मानो बज रही शहनाई हो
खुशियों से आंगन महक रहा
दीवारें भी रोशनी में नहाई हो

उस घर की याद ना आये उसको
इस घर में इतना प्यार मिले
कभी ना मुरझाये मन की कलियाँ
हमेशा चेहरे पे मुस्कान खिले

सास ससुर में मां बाप सरीखा
लाड़ प्यार और दुलार मिले
भाई बहन की कमी ना खले
मायके जैसा ही परिवेश मिले

विदाई के पश्चात ससुराल में बेटी से बहु बनी दुल्हन का पहला कदम और ससुराल में स्वागत

वीर कुमार जैन
17 जुलाई 2021

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 222 Views
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