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22 Feb 2024 · 1 min read

परिवार नियोजन

महंगाई का संकट से इतना दुखित देश अब सारा है।
सुरसा दानव् बनकर इसने अपना रूप पसारा है।।

प्लाट मकानो के तो सपने जनता के सब टूट गए ।
नेता,बिल्डर और धनवानो के दिल बल्ले बल्ले हो गए।।

वैधानिक तौर से हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार मिला।
अनगिन खुले स्कूल और कॉलेज, निज संस्थाओं का अंबार लगा ।।

पैसों के बल मिले दाखिले, दीनो को है दरवाजे बंद।
ना कोई शिक्षा का प्रशिक्षण ना सर्विस इनके मानंद।।

लूट-खसोट,सस्ती मजदूरी कैसे सहे महंगाई मार।
खान-पान भी इतने महंगे क्षमता कर गई सीमा पर।।

आयात-निर्यात के कागज घोड़े, सरकारों के दौड़ रहे।
मिली भगत नेता व्यापारी, देश को मिलकर लूट रहे।।

सच्चे लोकतंत्र की खातिर सब दल तोड़ के,दो दल बन जाए।
बडती जनसंख्या घटाने को, कसम परिवार नियोजन की खाएं।।

परिवार नियोजन ही एक साधन,जो काटे सभी फसादों को।
ना किल्लत अन्न,जल,शिक्षा की,ना मौक़ा भ्रष्ट सरकारों को।।

Language: Hindi
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