Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

“सोच खा जाती हैं”

निश्चिंतता का कवच चीर,
ये समझ, कहां से आ जाती है,
मुझे सोच मेरी ही खा जाती हैं ;
मुझे सोच मेरी ही खा जाती हैं।

हो किसी से जब मधुर संवाद,
स्नेहिल हृदय जमे विपुल गाद,
जन्म लेती इच्छाएं जब मन; में
ये काली घटा सी छा जाती हैं।
मुझे सोच मेरी ही खा जाती हैं ।।

कलेजा छलनी सा लगता है,
बैठा मन फिर न उठता है,
संघर्ष करती, राह बनाती;
आती खुशी भरमा जाती है।
मुझे सोच मेरी ही खा जाती हैं।।

चहुंदिस प्रहारी अंधियारी,
विजित कभी, कभी मैं हारी,
दूर टिमकती आस ज्योति को;
आंधी बन बुझा जाती हैं।
मुझे सोच मेरी ही खा जाती हैं ।।

काम – काज सब छिन्न- भिन्न,
मन हो जाता खिन्न – खिन्न,
दिन खा जाती, रात खा जाती,
घड़ी मेरी पगला जाती है।
मुझे सोच मेरी ही खा जाती हैं।।

मन सब पर करता है भरोसा,
मस्तिष्क परखता, टटोलता ,
मन – मस्तिष्क में अंतर्द्वंद्व की
बिगुल नई बजा जा जाती हैं।
मुझे सोच मेरी ही खा जाती हैं।।

ओसमणी साहु “ओश” (छत्तीसगढ़

2 Likes · 27 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
****रघुवीर आयेंगे****
****रघुवीर आयेंगे****
Kavita Chouhan
जिस दिन हम ज़मी पर आये ये आसमाँ भी खूब रोया था,
जिस दिन हम ज़मी पर आये ये आसमाँ भी खूब रोया था,
Ranjeet kumar patre
*अपनी-अपनी चमक दिखा कर, सबको ही गुम होना है (मुक्तक)*
*अपनी-अपनी चमक दिखा कर, सबको ही गुम होना है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
लाल दशरथ के है आने वाले
लाल दशरथ के है आने वाले
Neeraj Mishra " नीर "
बुंदेली दोहा- पैचान१
बुंदेली दोहा- पैचान१
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दुःख,दिक्कतें औ दर्द  है अपनी कहानी में,
दुःख,दिक्कतें औ दर्द है अपनी कहानी में,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
फांसी का फंदा भी कम ना था,
फांसी का फंदा भी कम ना था,
Rahul Singh
राधा
राधा
Mamta Rani
प्रणय
प्रणय
Neelam Sharma
एक नायक भक्त महान 🌿🌿
एक नायक भक्त महान 🌿🌿
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
Atul "Krishn"
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बर्दाश्त की हद
बर्दाश्त की हद
Shekhar Chandra Mitra
"योगी-योगी"
*Author प्रणय प्रभात*
हो मेहनत सच्चे दिल से,अक्सर परिणाम बदल जाते हैं
हो मेहनत सच्चे दिल से,अक्सर परिणाम बदल जाते हैं
पूर्वार्थ
समझदारी का न करे  ,
समझदारी का न करे ,
Pakhi Jain
जमाने की नजरों में ही रंजीश-ए-हालात है,
जमाने की नजरों में ही रंजीश-ए-हालात है,
manjula chauhan
💐प्रेम कौतुक-547💐
💐प्रेम कौतुक-547💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
राम नाम की धूम
राम नाम की धूम
surenderpal vaidya
*** लम्हा.....!!! ***
*** लम्हा.....!!! ***
VEDANTA PATEL
पधारो मेरे प्रदेश तुम, मेरे राजस्थान में
पधारो मेरे प्रदेश तुम, मेरे राजस्थान में
gurudeenverma198
खुद को मसखरा बनाया जिसने,
खुद को मसखरा बनाया जिसने,
Satish Srijan
तुम पलाश मैं फूल तुम्हारा।
तुम पलाश मैं फूल तुम्हारा।
Dr. Seema Varma
मौसम तुझको देखते ,
मौसम तुझको देखते ,
sushil sarna
जो चाहो यदि वह मिले,
जो चाहो यदि वह मिले,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पागलपन
पागलपन
भरत कुमार सोलंकी
"महंगा तजुर्बा सस्ता ना मिलै"
MSW Sunil SainiCENA
चंद्र शीतल आ गया बिखरी गगन में चाँदनी।
चंद्र शीतल आ गया बिखरी गगन में चाँदनी।
लक्ष्मी सिंह
बाल चुभे तो पत्नी बरसेगी बन गोला/आकर्षण से मार कांच का दिल है भामा
बाल चुभे तो पत्नी बरसेगी बन गोला/आकर्षण से मार कांच का दिल है भामा
Pt. Brajesh Kumar Nayak
ख़ामोशी
ख़ामोशी
कवि अनिल कुमार पँचोली
Loading...