परिवर्तन समझाते मौसम
परिवर्तन संसार का नियम ।
कुछ भी यहाँ नहीं है कायम।।
सबके आगे दोनों पहलू
कभी खुशी है और कभी गम।।
मत इतराना रुतबा पाकर
परिवर्तन समझाते मौसम।।
हम भी मौसम तुम भी मौसम
सारे रिश्ते नाते मौसम।।
मिलने के सब वादे मौसम
बदले सभी इरादे मौसम।।
चाँद ईद का हो गए शायद
सच्चे सीधे सादे मौसम।।
मुद्दत मुद्दत बाद कभी
यूँ ही आते जाते मौसम।।
बेक़दरी की इस दुनियाँ में
साथ कहाँ रह पाते मौसम।।
संजय नारायण