Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Dec 2018 · 1 min read

परिवर्तन की बयार

परिवर्तन का बयार
*****************
कैसी ये उल्टी बयार
बढ रहा है पापाचार
हर तरफ है अत्याचार
साथ चलते जाइये

जोर है पाश्चात्य का
शोर है सर्वनाश का
तोड़ क्या बेइमान का
मार्ग तो सुझाईये

सत्य आज शोकग्रस्त
सत्यार्थी रोगग्रस्त
इमानदारी मोहग्रस्त
पाप को जलाइये

धर्म आज शर्मसार
चहुओर दुराचार
व्याप्त कण -कण भ्यविचार
आत्मबल जगाइये
✍✍ पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण
बिहार……८४५४५५

Language: Hindi
1 Like · 225 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
उत्कर्षता
उत्कर्षता
अंजनीत निज्जर
मात्र मौन
मात्र मौन
Dr.Pratibha Prakash
हम ऐसी मौहब्बत हजार बार करेंगे।
हम ऐसी मौहब्बत हजार बार करेंगे।
Phool gufran
" हैं पलाश इठलाये "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
" लहर लहर लहराई तिरंगा "
Chunnu Lal Gupta
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
शादी
शादी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
■ देश भर के जनाक्रोश को शब्द देने का प्रयास।
■ देश भर के जनाक्रोश को शब्द देने का प्रयास।
*Author प्रणय प्रभात*
बुलंदियों पर पहुंचाएगा इकदिन मेरा हुनर मुझे,
बुलंदियों पर पहुंचाएगा इकदिन मेरा हुनर मुझे,
प्रदीप कुमार गुप्ता
मृत्यु पर विजय
मृत्यु पर विजय
Mukesh Kumar Sonkar
कर दो बहाल पुरानी पेंशन
कर दो बहाल पुरानी पेंशन
gurudeenverma198
सताया ना कर ये जिंदगी
सताया ना कर ये जिंदगी
Rituraj shivem verma
कोई ख़्वाब है
कोई ख़्वाब है
Dr fauzia Naseem shad
मौत ने पूछा जिंदगी से,
मौत ने पूछा जिंदगी से,
Umender kumar
रुचि पूर्ण कार्य
रुचि पूर्ण कार्य
लक्ष्मी सिंह
कागजी फूलों से
कागजी फूलों से
Satish Srijan
कब मिलोगी मां.....
कब मिलोगी मां.....
Madhavi Srivastava
आखिर वो माँ थी
आखिर वो माँ थी
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेरणादायक बाल कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो।
प्रेरणादायक बाल कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो।
Rajesh Kumar Arjun
लैला अब नही थामती किसी वेरोजगार का हाथ
लैला अब नही थामती किसी वेरोजगार का हाथ
yuvraj gautam
और मौन कहीं खो जाता है
और मौन कहीं खो जाता है
Atul "Krishn"
........,,?
........,,?
शेखर सिंह
बहें हैं स्वप्न आँखों से अनेकों
बहें हैं स्वप्न आँखों से अनेकों
सिद्धार्थ गोरखपुरी
****मैं इक निर्झरिणी****
****मैं इक निर्झरिणी****
Kavita Chouhan
Drapetomania
Drapetomania
Vedha Singh
*जिनसे दूर नहान, सभी का है अभिनंदन (हास्य कुंडलिया)*
*जिनसे दूर नहान, सभी का है अभिनंदन (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
पहले क्या करना हमें,
पहले क्या करना हमें,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
अंबेडकर की रक्तहीन क्रांति
अंबेडकर की रक्तहीन क्रांति
Shekhar Chandra Mitra
यह जो पापा की परियां होती हैं, ना..'
यह जो पापा की परियां होती हैं, ना..'
SPK Sachin Lodhi
Loading...