पदार्पण
जीवन घटनाओं का अनुक्रम भी है।
यह मानव जीवन हमें बहुत तरह के पुण्य कमाने हेतु मिले है।
कभी हँसी
कभी रोना
तो कभी चिंता
तो लगी ही रहतीं है किंतु फिर भी हमें हमारा मानव जीवन अच्छे कामों मे ही लगानी चाहिए।हमारा दिल भी कभी कभी परेशान हो जाता है जब करना कुछ और चाहो और हो कुछ और जाता है।खैर फिर भी दिल मे पत्थर रखकर जितना लिख पाता हुँ,लिखता ही हुँ।
“उडन खटौला सा जीवन है मेरा
एक दिन उड जाना ही है”
कौन अपना था कौन अपना है और कौन अपना रहेगा।
ये तो वक्त वक्त की बात है दोस्तों।
किंतु कर्म अच्छा करने का प्रयास तो करता ही रहुँगा।
क्या पता
शायद कुदरत ने हमें इसीलिए मानव पुनर्जन्म बखसा हो!